graduation की किमत कीसे होती है?

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मे मेरी graduation की कहानी बताने वाला हु की मैंने कैसे graduation पास किया इस ब्लॉग के जरिये 

मैंने B.com मे प्रवेश लिया 2017 की बात है तब मे टॅक्सटाइल मार्केट मे काम करता था 12 मी जेसे ही खतम हुए मैं काम धूनने लगा 1 महीने तक कोय काम नहीं मिला फिर मुजे एक रिश्तेदार के पड़ोसी ने एक काम दिलवाया टेक्सटाइल मार्केट मे ओर 2 से 3 महीने फूलटाइम काम करके फिर मैंने पार्ट टाइम करलिया क्यू की मेरी कॉलेज शरु हो गए थी  सुबह कॉलेज ओर दोपहेर के बाद टेक्सटाइल मार्केट मे काम पर जाताथा। कॉलेज तो हम कहने को जाते थे क्यू की कॉलेज जा कर भी क्लास मे नहीं जाते शरुके 2 हफ्ते गए थे क्लास मे फिर बहुत ही कम जाते थे क्यू की अगर जाते भी थे तो मुजे ओर मेरे दोस्त लोगोंको क्लास से निकाल दिया जाता था क्यू की हमारे पास बुक्स साथ मे नहीं होती थी क्यू की हमे ए तक नहीं पता होता की आज किसका लेक्चर हे ? फिर कुछ टाइम के बाद मैंने टेक्सटाइल मार्केट मे काम करना छोड़ दिया क्यूकी वहा बहुत काम करवाते थे ओर पगार बहुत ही कम देते थे ओर फीर मे मेरे चाचा के मेडिकल पे काम पे लग गया पार्ट टाइम पे सुबह कॉलेज ओर दोपहेर के बाद मेडिकल पे जाता था फिर कॉलेज की पहेले सेमेटेर की परीक्षा ओर 2 महीने के बाद रिजल्ट आया ओर 6 विषय में से 5 में तो फैल हो गया था। मेरे दोस्त भी 4 में फैल ओर क्या फिर मेरे दोस्त ने तो 6 महीनों के बाद कॉलेज छोड़ दिया ,ओर मे atkt को एक-एक कर के पास कर ने की कोशिष कर ने लगा फिर पता नहीं कैसे दूसरा सेमेस्टर भी खतम हो गया ओर वापस से 2 महीने बाद रिजल्ट आया उस मे 4 मे फैल ओर फिर क्या कॉलेज मे से 1 साल के लिए निकाल (डीटैन) दिया हमारी यूनिवर्सिटी मे 1 नियम ऐसा है की 2 सेमेस्टर को मिला के 8 विषय मे फैल होते हो तो 1 साल के लिए निकाल देते है ओर मे 7 विषय मे फैल था तो निकाल दिया ओर 1 साल तक मेडिकल मे जॉब करने लगा ओर साथ-साथ मे atkt को पास करने मे लग गया मेडिकल पर काम करते- करते मुझे पडाई-लिखाई में मन उड़ सुका था लेकिन फिर मेडिकल पर काम करते-करते एक दिन ऐसा लगा कि बस अही काम पूरी जिंदगी तो नय करना चाइए ओर वैसे भी बहुत काम करके थक गया था क्यू की पूरा दिन उसी में चला जाता था और कुछ भी नया नय कर रहा था दिमाग पूरा काम पर ही रहता था तो कुछ भी नया सोच भी नए पा रहा था फिर भी काम पर जाना बंद नहीं किया और एक साल के बाद मैंने दूसरे साल में प्रवेश लिया लेकिन अभी भी पहले सेमेस्टर की एक विषय की atkt सोल होना बाकी थी फिर मेडिकल पे जॉब करना छोड़ दिया ओर सिर्फ कॉलेज करता था। मेडिकल का जॉब इस लिए छोडा की घर से ए बोला गया कि जॉब कर रहा है इस लिए पड़ाई नहीं कर पा रहा। ओर वैसे भी मुझे लगा काम से तो पढ़ाई अच्छी है। फिर छे महीने सिर्फ और सिर्फ कॉलेज किया और जो पहले सेमेस्टर की एक  atkt थी उस की आखरी ट्राल आ शुकी थी (हमारी यूनिवर्सिटी में एक ओर नियम ऐसा है कि किसी भी विषय की छे बार ही ट्राल दे सकते हो यदि आखरी ट्राल पे पास ना होया तो पूरा कॉर्स फिर से करना पड़ेगा यतो छोड़ ना पड़ेगा ) ओर में परीक्षा के तीन महीने से पहले पढ़ ना चालू कर दिया था क्यू की में इस बार फैल होना बिल्कुल भी नहीं चाहता था। ओर जैसे ही एग्जाम के चार दिन बाकी थे मुझे पता चला कि जिसकी (एकाउंट) में एग्जाम देने जा रहा हूं उसका कॉर्स आधा बदल शुका है यानी नए बुक आ शूकी है में तुरंत नए बुक लेने गया ओर पढ़ना चालू किया ओर एग्जाम दिया। उसके बाद गर्मी ओ की चुटिया चालू हो गय में जॉब तो कर नहीं रहा था इस लिए में तैरना शिखने चला गया तीन महीने तक। ज्यादातर एग्जाम के दो महीने में रिजल्ट आ जाता है लेकिन इस बार दो महीने से उपर हो गया था लेकिन रिजल्ट अभी तक नहीं आया था में रोज सुबह तैर ने जाता था और मैं अपने फोन को लोकर में रखने से पहले चेक करता था कि रिजल्ट आया कि नहीं और जब वापस आता तब भी चेक करता था ऐसा दो से दिन हफ्ता चला और एक दिन जब में तैर ने के बाद लेकर से फोन निकाल कर चेक किया तो रिजल्ट आ सुका था सीट नंबर भी याद ही था मैंने तुरंत रिजल्ट चेक करने गया लेकिन रिजल्ट अभी अभी आया ही था तो सब लोग एक साथ चेक कर रहे थे तो यूनिवर्सिटी की वेबसाट्स भी खुल नहीं रही थी और में बार बार रिफ्रेश कर रहा हूं वैसे तो हमारा रिजल्ट पेहले तो एक PDF में आता है और जो भी पास हुआ होता ते उसका  सीट नंबर लिखा हुआ रहता है ओ PDF रिजल्ट आने के एक दिन पहले आ जाता है लेकिन मेंने आज तक PDf में से रिजल्ट नहीं देखा था क्यूकी उसमे सिर्फ सीट नंबर ही दिखता है नाम नहीं तो मुझे यकीन नहीं होता और में और परेशान हो जाता हूं इस वजाह से मैंने PDF नहीं देखी थी फिर वेबसाइट खुल गई और में जब सीट नंबर डाल रहा था तब मेरी उम्लिया थोड़ी काप ने लगी वैसे तो मेरी टाइपिंग फास्ट है लेकिन फिर भी रिजल्ट चेक करते वक्त ऐसा हुआ सायद लास्ट ट्राय थी इस लिए फिर रिजल्ट जेसेही खुला मेरी पेहली नजर जहा पास या फेल लिखा हुआ आता है उधर गय क्युकी मैंने इतनी एग्जाम दे रखी थी इस लिए पता था तो मैंने देखा पास लिखा हुआ था फिर माइक्रो सेकेंड में मेरी नजर नाम पर गय की मेरा ही नाम हैना ए चेक करने के लिए तो मैने पेहला साल पास कर लिया था फिर दूसरा साल पूरा हुआ लेकिन atkt तो पीछा ही नहीं छोड़ रही फिर भी जितनी भी एटीकेटी आई सब को एक-एक करके पास करता गया । फिर में सिर्फ और सिर्फ कॉलेज कर रहा था तो धुमना ज्यादा हो गया था में ओर मेरा दोस्त धुम रहे थे और तभी हमारे स्कूल के प्रिंसिपल दिखे ओर उसने हमको देख लिया तो मिलने तो जाना पड़ेगा क्युकी ओ हम पहचान ते थे फिर बातो बातो में सर ने बोला कि खाली ही बैठे हो तो स्कूल में असिस्टेंट की जगाह खाली है पार्ट टाइम जॉब क्यू नहीं करते ? तो मैंने कहा ठीक है सर में आ जाता हूं फिर गया दूसरे दिन मुझे लगा कि ऐसे ही मुझे लेलेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्यू की सर ने मेरे जैसा एक ओर को जॉब के लिए बुलाया था फिर तीन दिन तक हम दोनों को काम करने दिया ओर बोला की कल बताएंगे की दोनों में से किस को लेना है ओर बोला की हम फोन करेंगे कल यानी चोथा दिन मुझे कोई फोन नहीं आया में स्कूल पर नहीं गया पांच में दिन फोन आया कि तुम कल काम पर क्यू नहीं आए? मैंने बोला कि आपने ही तो कहा था में फोन करूंगा फोन नहीं आया तो मुझे लगा दूसरे को ले लिया है तब सर ने बताया की तुमने जो नंबर की चिट्ठी दि थी ओ कही खो गए है फिर तुम्हारा नंबर तुम्हारे पापा के पास से लिया है ओर तुम्हारे पापा का नंबर तुम जब इस स्कूल में पढ़ते थे तब का नंबर मिला (में वही स्कूल में जॉब के लिए गया जिस स्कूल में पढ़ता था) ओर ऐसे में वापस से किसी काम पर लग गया सुबह कॉलेज ओर दोपहर के बाद स्कूल जाने लगा अब कॉलेज का आखरी तीन-चार महीने बचे थे फिर आया कोरोना ओर सब की इग्ज़ैम कैन्सल हो गय ओर काहई ओ को तो मास प्रमोशन भी मिला लेकिन हम तो आखिर सेमेस्टर के थे तो हमे इग्ज़ैम देनी ही पड़ी ओर आखिर मे छे रिजल्ट की जगह 20 रिजल्ट ओर तीन सालका कॉर्स चार साल मे पूरा हो ही गया । मुजे किसी दोस्त ने ए बोल की ग्रैजवैशन से कुछ नहीं होता (हालाकी उसने भी ग्रैजवैशन पास किया था लेकिन एक भी बार फैल हु ए बिना ) ओर ओ अपनी लाइफ मे एक तो कर कुछ नहीं रहा ओर जो लोग ने 20-20 रिजल्ट मिला के पास किया है उसे बोलता है की ग्रैजवैशन की कोय कीमत ही नहीं है। ऐसा इस लिए क्यूकी जिसे भी जो भी चीज आसानी से मिल जाती है उसे उसकी कीमत नहीं होती है उसे होती है जिसे वही चीज आसानी से नहीं मिली है। अगर आपको आपके किए गये काम की कीमत नहीं है तो आप खुद की कीमत नहीं कर रहे है नाकी ओ काम की । 

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